5 Simple Techniques For bhoot ki kahani

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. यह तो हमारे गांव का ही इंसान है..मुझे जल्दी जा कर यह बात सबको बतानी होगी..

लेकिन सबसे ज्यादा भयावह मंजर वो होता है जब शीशे में आलिया अपने बाल संवारते हुए दिखाई देती हैयूं तो वैले हाउस को अपना सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है लेकिन अभी भी वहां कोई नहीं जाता.

यह कहते हुए पहलवान से झगड़ा करने लगता है। 

आप खुद ही महसूस कर सकते है कि कोई भी ऐसी जगह जहां आप अकेले हो और कोई ऐसा साया जो आपके आस पास ही किसी मूर्दे के शरीर से खून पी रहा हो तो कैसा महसूस होगा।वैसे भी दुनिया भर में कब्रिस्‍तान का नाम सुनकर लोगों को भूत, प्रेत, और आत्‍माओं का ख्‍याल आ जाता है। कब्रिस्‍तान के बारें में बहुत से लोग यही मानते है कि वहां पर रूहो का होना लाजमी है। ये सच है क्‍योंकि रूहों का वास वहीं सबसे ज्‍यादा होता है जहां उसके साथ कोई हादसा हुआ हो या जहां उसका शरीर हो।

एक दिन भूतों के गुरुजी सभी भूतों से मिलने पीपल के पेड़ पर आते है। सभी भूतों को दुबला पतला देखकर उनसे कारण पूछते है। 

इससे तुम्हारे मासाजी और मासी बहुत घबरागये और उन्होंने राजेश से दूसरा मकान ढूंढने को कहा। मुम्बई में मकान ढूंढना बहुत मुश्किल है और यह मकान में अन्य जगहों की तरह पानी की कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन फिरभी वे लोग इन भूतों के कारण वह मकान छोड़ना चाहते थे।

पहलवान मुंशी को खेती के लिए जमीन मांगने की अपनी विनती बताता है। संदेश लेकर राजा के पास पहुंचने पर राजा पहलवान को ढेर सारी जमीन देने का आदेश देता है। मुंशी बेहद चतुर होता है तो वह राजा द्वारा पहलवान को दी गई अधिकांश जमीन स्वयं के लिए रखकर मोहन को कब्रिस्तान के पास एक बंजर जमीन का छोटा सा टुकड़ा दे देता है, जिसे पाकर पहलवान खुशी-खुशी वापस लौट जाता है।

हिंदुओं में गोमांस और मुसलमानों में पोर्क पूरी तरह प्रतिबंध‍ित है। लिहाजा सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया। इसी विद्रोह के दौरान मेजर चार्ल्स बर्टन और उसके दो जुड़वां बेटे कोटा रेजीडेंसी में रहते थे। *** भवन के सेंट्रल हॉल में हुआ नरसंहार *** सिपाहियों ने विद्रोह की जंग छेड़ दी और ब्रिज भवन को घेर लिया। उस वक्त मेजर बर्टन की सुरक्षा में महज एक ऊंट-चालक था। सिपाहियों के गुस्से को देख मेजर के दोनों बेटे ऊपर के माले पर चले गये और चिल्ला-चिल्ला कर मदद मांगने लगे।

दूसरी बात उसी वक्त की है जब हम कार में रहते थे। गर्मी का मौसम था। हम रात को टेरेस पे या अपने रूम click here के बाहर सोते थे। हमारे रूमके बायें तरफ सीढ़िया ऊपर जाती थी , कुछ सीढ़ियों के बाद एक बड़ा स्पेस था उसके बाद फिर सीढ़ियाँ ऊपर गुजरातियों के घर के तरफ जाती थी। उस बड़े स्पेस में तुम्हारे अरविंद मामा सोते थे।

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रात का समय था, कब्रिस्तान अपनी चुप्पी से गुम हो रहा था। चाँदनी की किरणें कब्रों की चट्टानों पर मुस्कान बिखेर रही थीं। एक अजीब सी ऊँचाई से बनी एक कब्र अद्वितीय रूप से खड़ी थी, जिसकी ऊपरी सत्री कुछ अजीब से चिन्हों से सजीव थी।

पहलवान बहुत बलशाली था और बलशाली लोग हमेशा दया करते है। इसलिए पहलवान भूतों की बात मान लेता है। और घर चला जाता है। अब पहलवान अच्छी तरह से बिना मेहनत किए अपनी जिंदगी जीने लगा। लेकिन भूतों को यह सौदा बहुत महंगा पड़ गया। भूत काम कर करके बहुत दुबले पतले हो गए।

वहाँ का माहौल अब पूरी तरह से जादू से भरा हुआ था। अचानक, एक विशेष समय पर उस कब्र से एक पुरानी कहानी की आवाज सुनाई दी। कहानी का राज था कि जब वह कब्र बनाई गई थी, तब उसे एक प्राचीन राजा की आत्मा ने आवास दिया था। उस राजा के प्रेम और विशेष कला के क्षेत्र में उनकी महानता के कारण, उसकी आत्मा उस कब्र में सजीव रह गई थी।

राज ने भूतनी से मिलकर बातचीत की और उसने समझा कि यह सब केवल किसी खास मौके पर गाँववालों को मज़ा करने के लिए किया जाता है। इसके बाद राज और सुनील ने मेले में शामिल होकर भूतों के साथ खेले और हंसी-मजाक में वक्त बिताया।

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